Tuesday, 22 August 2017

जोधपुर के उलेमा हज़रात को हजारों बार दिल से सलाम

जिसका इंतजार था आखिर वो फैसला हो ही गया काबिले तारीफ....
जोधपुर के उलेमाओं ने एक बहुत ही बेहतरीन फैसला लिया है...
जो कोई भी रईसजादा या दिखावे की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति शादी
विवाह में फ़िज़ूल खर्ची करेगा...सड़को पे खुशियों का तांडव मचाएगा
और डीजे, बैंड बाजे से बरात लायेगा या ले जायेगा उसका निकाह
"मदरसा इसाकिया" से फारिग कोई भी आलिम नही पढ़ाएगा और यदि
किसी बाहर के मौलाना ने ऐसे निकाह में शिरकत की तो उसे भी
"सज़ा ए बायकॉट" का दंड दिया जाएगा....

ऐसा काम बहुत पहले कर लेना चाहिये था.... खैर देर आये दुरुस्त आए....
अब हमारे दूसरे उलेमा  और समाज के सदरो से भी गुजारिश है कि आप
भी इस फैसले का पालन करे और  समाज की इन बुराइयों को जड़ से
मिटाने में सहयोग करे.....
अब्बास सर का भी बहुत बहुत शुक्रिया...

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